हर गलत रास्ते के ठीक बगल में होता है एक रास्ता सही,मगर नादानी या गुरुर की पट्टी होती है आंखों पर बंधी…जिस कारण वह छिपा रहता है, अदृश्य और निराकार,लेकिन धैर्यपूर्वक वह कर रहा होता है आपका इंतजार…–Kaushal Kishore • @wordpress
ब्लूस्काई और मैस्टडोन साधु और महात्मा लोगों के लिए अच्छी जगह है। आम लोग यहां बोर हो सकते हैं, और महफ़िलें लगाने वाले और हंसी-ठहाका करने वाले लोग तो यहां गारंटी के साथ बोर हो जाएंगे। लेकिन यहां का वातावरण सीखने और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिहाज़ से ज़्यादा अनुकूल है।
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